पीडब्ल्यूडी को चालू वित्त वर्ष में अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर पाना मुश्किल होगा। 28 हजार करोड़ रुपये के बजट में से अब तक मात्र 5,156 करोड़ ही खर्च हुए हैं। इसकी वजह स्वीकृतियों की धीमी रफ्तार बताई जाती है।
चालू वित्त वर्ष में पीडब्ल्यूडी के लिए 28 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। 30 नवंबर तक वित्त विभाग की सहमति से ही बजट जारी हो सकता था। ट्रेजरी के आंकड़ों के अनुसार, पीडब्ल्यूडी के लिए 8437.97 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसमें से व्यय 5156 करोड़ रुपये का हुआ। इस तरह जो राशि जारी की गई, उसका बड़ा हिस्सा इस्तेमाल नहीं हो सका है। 15 दिसंबर के बाद फरवरी तक तापमान कम होने से इस मौसम को सड़क निर्माण के लिए मुफीद नहीं माना जाता।
अब बजट के इस्तेमाल के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं रह गई है। लेकिन, पीडब्ल्यूडी के आय-व्यय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि काम के लिए समय इतना कम बचा है कि 10-12 हजार करोड़ रुपये खर्च होना मुश्किल है। पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य करते हुए बजट खर्च करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। जनप्रतिनिधि सड़कें खराब होने की शिकायतें करते हैं तो इससे विभाग और ऊर्जा से काम करने के लिए प्रेरित होता है।