पोस्ट कोविड ओपीडी में आने वालों में प़्रतिशत में सांस फूलने की समस्या
अस्पतालों में कोरोना को मात देने वाले मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। पोस्ट कोविड ओपीडी पहुंच रहे मरीजों में 80 प्रतिशत से अधिक सांस फूलने की समस्या लेकर आ रहे हैं।
कुछ में न्यूरो से संबंधित समस्या और ब्लड शुगर अनियंत्रित होने जैसी समस्या मिल रही है। दूसरी ओर मेडिसिन विभाग की ओपीडी में आने वाले तमाम मरीज खुद के कोरोना संक्रमित होने की बात छुपा रहे हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हें कोरोना हो चुका है वे इधर-उधर भटकने के बजाय पहले पोस्ट कोविड ओपीडी आएं, ताकि वायरस के प्रभाव को ध्यान में रखकर उनका इलाज किया जा सके।
राजधानी में केजीएमयू, लोहिया संस्थान के अलावा सिविल व बलरामपुर अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी चल रही है। यहां रोजाना आठ से दस मरीज पहुंच रहे हैं।
मरीजों की संख्या कम होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। केजीएमयू के गांधी वार्ड में पोस्ट कोविड के लिए 10 बेड का वार्ड तैयार किया है।
लोहिया संस्थान, बलरामपुर और सिविल अस्पताल में पांच-पांच बेड आरक्षित हैं, हालांकि अभी तक पोस्ट कोविड ओपीडी में आने वाले मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि ज्यादातर मरीज सांस फूलने और सीने में जकड़न की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
जागरूकता के अभाव में कुछ मरीज मेडिसिन और रेस्पिरेटरी विभाग चले जाते हैं। ऐसे मरीज वायरस की चपेट में आए थे, लेकिन यह भी नहीं बताते हैं।
जनवरी के बाद बढ़ सकते हैं मरीज
लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह ने कहा है कि कोरोना की चपेट में आने वाले अभी कम संख्या में आ रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है कि वायरस का असर बना हुआ है। कोरोना पूरी तरह से नया है, इस वजह से भी इसके साइड इफेक्ट की जानकारी देर से मिल रही है। हर मरीज में अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं। पोस्ट कोविड मरीजों में भी यही समस्या है। जनवरी के बाद ऐसे मरीज बढ़ेेंगे। इसे ध्यान में रखकर अभी से तैयारियां की जा रही है। जब ज्यादा संख्या में मरीज आएंगे, तभी स्पष्ट होगा कि पोस्ट कोविड वालों में क्या समस्याएं आ रही हैं। अभी ज्यादातर सांस संबंधी समस्या बता रहे हैं।
मरीज की स्थिति का होगा आकलन
केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों को ठंडी चीजों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज भी बताई जा रही है। यदि किसी को सांस लेने में लगातार समस्या हो रही है और सीने में जकड़न है तो डॉक्टर को दिखाएं। जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं वे ओपीडी में पहुंचने पर चिकित्सक को इसकी जानकारी जरूर दें। इससे वायरस के प्रभाव को ध्यान में रखकर मरीज की स्थिति का आकलन होगा।