गौरीगंज (अमेठी)। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन के लिए वर्ष 2017 में शासन ने 29 प्रजाति के पेड़ों की कटान को प्रतिबंधित कर दिया था। प्रतिबंध के बाद वृक्षों के सूख जाने व अन्य कारणों से शासन ने प्रतिबंधित पेड़ों की कटान शर्तों के अधीन करने की योजना बनाई है।
इस संबंध में प्रमुख सचिव ने प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र भेजा है। पत्र में आम (देशी/तुकमी), नीम, साल, महुआ, बीजासाल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम व सागौन के पेड़ सूखने व खतरा उत्पन्न कर रहे पेड़ों के कटान की अनुमति निर्गत करने को कहा है।
प्रमुख सचिव ने अनुमति देने के बाद पेड़ काटे जाने से पहले वृक्ष स्वामी को कम से कम दो पौधे को रोपित करने के साथ ही उनके सरंक्षण की जिम्मेदारी उठाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है। प्रभागीय वनाधिकारी बीके पांडेय ने बताया कि नियमानुसार कटान की अनुमति देने व जांच करने की जिम्मेदारी संबंधित रेंज अधिकारी को दी गई है।