सचिन त्रिपाठी
प्रदेश के मुकाबले राजधानी में संक्रमण की दर तीन गुने से भी ज्यादा है। प्रदेश में जहां संक्रमण दर दो फीसदी के आसपास है तो वहीं लखनऊ में यह दर छह प्रतिशत से भी ज्यादा है। एक अप्रैल को तो संक्रमण की दर 10 फीसदी के पार पहुंच गई थी। सक्रिय केस के मामले में तो लखनऊ की स्थिति और भी खराब है। प्रदेश के 75 जनपदों में जितने कुल केस हैं उसके एक तिहाई मामले अकेले लखनऊ में ही हैं।
कोरोना की दूसरी लहर ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। दो दिनों से संक्रमण का ग्राफ हजार पार है जबकि प्रदेश में कानपुर, वाराणसी मेरठ और वाराणसी को छोड़कर अन्य जनपदों में संक्रमण के मामले काफी कम हैं। तीन अप्रैल को प्रदेश में कुल सक्रिय मामले 16,496 थे वहीं, लखनऊ में यह आंकड़ा 5,408 है। विशेषज्ञों के अनुसार लखनऊ में संक्रमण के मामले अभी और बढ़ेंगे।
15 मार्च के बाद तेजी से बढ़े मामले
एक मार्च को पूरे प्रदेश में कोरोना के 87 नए मामले मिले थे। इनमें से लखनऊ में 15 तथा प्रदेश के 74 जनपदों में 72 मामले थे। इस दौरान लखनऊ में 5406 और बाकी प्रदेश मे 1,03,255 सैंपल लिए गए थे। उस वक्त तक लखनऊ में संक्रमण दर .27 प्रतिशत तथा प्रदेश में .08 फीसदी थी। इसके बाद 16 मार्च को प्रदेश में कुल 228 मामले मिले। इसमें लखनऊ के 44 मामले थे। प्रदेश में लिए गए सैंपलों की संख्या 1,00,329 और लखनऊ की 4982 थी। उस समय तक प्रदेश की संक्रमण दर 0.22 तथा लखनऊ की 0.61 प्रतिशत थी। इसके बाद संक्रमण के मामले में काफी तेजी आई। 31 मार्च को प्रदेश में कुल 1230 संक्रमित मिले, इसमें से लखनऊ की संख्या 361 थी। लखनऊ में इसके लिए 9040 तथा प्रदेश में कुल 67,443 सैंपल लिए गए। इस तरह लखनऊ की संक्रमण दर बढ़कर 6.93 तथा प्रदेश की 1.80 दर्ज हुई। इसके बाद से संक्रमण की यही स्थिति बनी हुई है। बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नमूनों की संख्या काफी बढ़ा दी है।
बाहरी जनपदों का दबाव
राजधानी होने की वजह से लखनऊ पर अन्य जनपदों का भी काफी दबाव है। बाहरी जनपद से इलाज कराने के लिए लखनऊ आने वालों की संख्या भी ठीकठाक रहती है। इसकी वजह से बाहरी जनपदों के संक्रमित व्यक्ति भी लखनऊ की संख्या में जुड़ जाते हैं। संक्रमण दर काफी अधिक होने का यह भी एक कारण है। साथ ही प्रदेश के मुकाबले लखनऊ में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की संख्या तथा यहां के बाजारों की भीड़भाड़ भी संक्रमण दर के लिए जिम्मेदार है।
एक नजर आंकड़ों पर
प्रदेश
तारीख- सैंपल संक्रमित संख्या संक्रमण दर सक्रिय मामले
1 मार्च- 1,08,661 87 0.08 2,078
16 मार्च 1,00,329 228 0.22 1,912
31 मार्च 67,443 1,230 1.80 9,848
1 अप्रैल 1,24,135 2,600 2.09 11,918
2 अप्रैल 1,47,591 2,967 2.01 14,073
3 अप्रैल 1,66,110 3,290 1.98 16,496
लखनऊ
तारीख- सैंपल संक्रमित संख्या संक्रमण दर सक्रिय मामले
1 मार्च- 5,406 15 0.27 254
16 मार्च 4,982 44 0.61 283
31 मार्च- 5,207 361 6.93 3138
1 अप्रैल 90,40 935 10.34 3,912
2 अप्रैल 13,241 940 07.09 4,587
3 अप्रैल 16,135 1,041 06.40 5,408
लखनऊ में अन्य जनपदों के काफी मरीज इलाज कराने आते हैं। कई बार गंभीर मरीजों को भर्ती कराया जाता है। साथ ही अन्य प्रदेशों से लखनऊ आने वालों की काफी संख्या है। इसकी वजह से भी संक्रमण की दर अन्य जनपद के मुकाबले अधिक है।
– डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू