लखनऊ। प्रेमिका के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिए जाने के चलते प्रेमिका के आठ वर्षीय एकलौते भाई गोलू की हत्या कर सेप्टिक टैंक में डालने के आरोपी मनोज लोध को अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार सिंह ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा व पुष्पेंद्र सिंह गौतम ने तर्क दिया कि गोलू हत्याकांड की रिपोर्ट उसके पिता रमेश द्वारा थाना मड़ियाव में 27 अगस्त 2009 को दर्ज कराई गई थी। कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनते हुए कहा कि पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आधारित है जिसके कारण अलग-अलग पहलुओं पर मामले का परीक्षण किया जाना आवश्यक है।
कोर्ट ने पांच वाद बिंदु बनाते हुए कहा है कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से यह स्पष्ट होता है कि मृतक गोलू के शव की बरामदगी अभियुक्त मनोज लोध की निशानदेही पर हुई है। इसके अलावा मृतक गोलू के शव की बरामदगी का स्थल वादी के मकान से सटे हुए मकान जिसमें मकान मालिक नहीं रहता था और खाली पड़ा था, उस मकान के सेप्टिक टैंक से हुई थी।