बढ़े प्रदूषण का असर, अस्पतालों में 15 फीसदी बढ़े सांस के मरीज
राजधानी में बढ़े प्रदूषण का असर अब स्वांस के रोगियों पर भी दिखने लगा है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की तादाद 15 प्रतिशत बढ़ गई है।
डॉक्टरों का कहना है कि हवा के प्रदूषित होने का सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। हवा में धूल-धुएं के कण मिलकर सांस के जरिए फेफड़ों में संक्रमण पहुंचा रहे हैं। शुक्रवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या ज्यादा रही।
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता के मुताबिक, करीब 15 फीसदी मरीज सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़े हैं।
दो-तीन दिनों से सांस मरीज अस्पताल में ज्यादा आ रहे हैं। जो मरीज पहले से ही ब्रोंकाइटिस व अस्थमा से पीड़ित थे, उनकी समस्याएं और भी बढ़ गई हैं।
ऐसे मरीजों को बाहर ज्यादा न निकलने की सलाह दी जा रही है। धूल व धुएं से बचने के साथ ही उन्हें बाहर निकलने पर अनिवार्य रूप से मास्क लगाने को कहा जा रहा है।
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि दो-तीन दिनों में ओपीडी में सांस रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि मरीजों को गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जा रही है।
हवा का स्तर खराब होने पर घर से बाहर न निकलें। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें और मास्क जरूर लगाएं।
प्रदूषण के चलते संक्रमण होने पर ऐसे मरीजों के फेफड़ों में सूजन आ जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ व सीने में दर्द भी महसूस होता है।