दैनिक भास्कर ने सबसे पहले उठाया था मुद्दा और बताया था कितनी मौतें हुईं
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान महज 3 मौत स्वीकार करने वाली योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है। अब वह 1000 से 1200 शिक्षक-कर्मचारियों के परिवारों को 30-30 लाख रुपए मुआवजा देगी। चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को अब 30 दिन माना जाएगा। यह निर्णय योगी कैबिनेट की बैठक में किया गया है। पहले योगी सरकार ने सिर्फ 3 शिक्षकों की ही मौतों को माना था।
हालांकि सरकार ने अभी ये नहीं बताया कि चुनाव ड्यूटी में कितने शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत हुई है, लेकिन सरकार का आकलन है कि ड्यूटी में 1000 से 1200 शिक्षक-कर्मचारियों की कोरोना से मौत हुई है।
दैनिक भास्कर ने ही सबसे पहले पंचायत चुनाव में ड्यूटी की वजह से मरने वाले शिक्षकों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। बताया था कि कितने शिक्षक पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगने से कोरोना से संक्रमित हुए और बाद में उनकी मौत हो गई।
यूपी की योगी कैबिनेट की बैठक में 7 प्रस्ताव पास
यूपी पंचायत चुनाव में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई, उनके परिजनों को 30-30 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना जाएगा।कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या कमाई करने वाले अभिभावक को खोया है, उन्हें 4 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक मदद दी जाएगी।मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनाथ हुई लड़कियों की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।कक्षा 9 से ऊपर के या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी दिया जाएगा।मेरठ में शूटिंग रेंज के निर्माण, स्पोर्ट कॉलेज लखनऊ में वेलोड्रम का होगा निर्माण।बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के लिए खनन क्षेत्र को आरक्षित किया जाएगा।SGPGI में एडवांस डायबिटिक सेंटर का होगा निर्माण।
मृतक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों के न्याय के लिए जो खबरें दैनिक भास्कर ने प्रकाशित कीं-
30 दिन के भीतर मरने वालों को शामिल कियाअब चुनाव में ड्यूटी के 30 दिन के अंदर अगर किसी कर्मचारी की मौत हुई है और उसके बाद कोविड की रिपोर्ट आई है तो उसके परिवार वालों को 30 लाख रुपए दिए जाएंगे। अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए करीब 600 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।
सरकार का अनुमान है कि मृतक आश्रितों की संख्या एक हजार से 1200 तक हो सकती है। अभी सरकार के पास इसके लिए 250 करोड़ रुपए हैं, लेकिन सरकार 350 करोड़ रुपए और इस मद में लाएगी। हालांकि पहले आयोग ने सिर्फ तीन मृत शिक्षकों को ही इस मुआवजे के योग्य पाया था, लेकिन अब संख्या काफी बढ़ गई है।
कर्मचारी संगठन का दावा- 3 हजार से ज्यादा मौतें हुईंकर्मचारी संगठनों के अनुसार तीन हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई है। इसमें करीब 2400 से ज्यादा की सूची सरकार को शिक्षक और कर्मचारी भेज चुके हैं। उसमें उनके द्वारा एक करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट ने कहा था- मृतकों को एक करोड़ मुआवजा देना चाहिएइलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजित कुमार की पीठ ने 12 मई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि चुनाव ड्यूटी में संक्रमित कर्मचारियों के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा मिलना चाहिए।
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