लखनऊ। विभूतिखंड इलाके में एक निजी अस्पताल के कर्मियों ने मरीज की मौत होने के बाद उसके जेवर तक उतार लिए। पिता का शव ले जाते वक्त बेटे ने जेवर गायब देख पूछताछ की। जिस पर उसे टकराया जाने लगा। पुलिस भी पीड़ित की बात सुनने को तैयार नहीं हुई। इस बीच पीड़ित ने सोशल मीडिया पर मेसेज वायरल कर अस्पताल की करतूत को उजागर किया जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
हजरतगंज प्रागनारायण रोड निवासी आकाश के पिता योगेंद्र कुमार की तबियत खराब थी। 17 अप्रैल की रात आकाश ने पिता को फैजाबाद रोड इस्माइलगंज स्थित शिवा हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान 20 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने आकाश से शव ले जाने के लिए कहा। आरोप है कि वे पिता का शव घर लेकर जाने लगे। तभी उनकी नजर पिता के गले पर पड़ी। गले में पड़ी सोने की चेन और उनकी एक अंगूठी गायब थी।
पहले इनकार किया फिर रुपये देने की बात कही
इस बात की जानकारी आकाश ने अस्पताल प्रशासन को दी। पहले तो वे लोग योगेंद्र के बिना चेन पहने अस्पताल आने की बात कहते रहे। जिस पर आकाश ने एतराज जताया। विवाद बढ़ने पर अस्पताल कर्मियों ने योगेंद्र के गहने पहने होने की बात कुबूल ली। लेकिन जेवर वापस नहीं किए। इसके बदले में रुपये देने की बात कही। इसके बाद आकाश ने विभूतिखंड पुलिस को सूचना दी। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस अस्पताल कर्मियों का पक्ष लेने लगे। आकाश ने कई परिचितों को मेसेज भेज कर अस्पताल की करतूत के बारे में बताया। चंद मिनटों में ही यह मेसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शिवा हॉस्पिटल कर्मियों के खिलाफ चोरी की धारा में मुकदमा दर्ज किया। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, जांच की जा रही है।