यूपी एटीएस सीरिया से लौटे पीएफआई से जुड़े केरल के 12 लोगों का सुराग तलाश रही है। राज्य की खुफिया एजेंसियों को भी इनका सुराग लगाने को कहा गया है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने इन लोगों के नेपाल सीमा से यूपी में घुसपैठ करने का इनपुट दिया था। इस पर डीजीपी मुख्यालय ने एटीएस व राज्य खुफिया एजेंसी को सचेत किया है। साइबर विशेषज्ञों को भी सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कहा गया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने अंदेशा जताया है कि ये लोग पंचायत चुनाव में माहौल खराब करने की साजिश कर सकते हैं। पीएफआई खासतौर पर पूर्वांचल के जिलों जौनपुर, प्रयागराज आदि पांव पसार चुका है।
इस सूचना के बाद एटीएस की एक टीम को सिद्धार्थनगर रवाना किया गया है। इसके साथ ही जिले की अभिसूचना इकाई को अलर्ट कर दिया गया है। जिला पुलिस भी अपने स्तर से चौकसी रख रही है। बता दें कि पीएफआई का नाम हाथरस कांड के बहाने जातीय दंगा भड़काने की कोशिश में आ चुका है। इसके पहले नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा को उकसाने में भी पीएफआई की सक्रियता का पता चला था। हाथरस कांड के बाद पीएफआई से जुड़े चार लोगों को मथुरा से गिरफ्तार भी किया गया था।
हाथरस कांड के बाद वेबसाइट पर जातीय दंगे भड़काने के लिए बनाए गए थे कई पेज
बीते माह हाथरस में एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत के मामले में पूरे देश में जमकर राजनीति हुई थी। कई दलों व संगठनों ने हाथरस कूच किया था। इसी दौरान मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार कर दावा किया गया था कि ये पीएफआई से जुड़े हुए हैं और हाथरस में माहौल खराब करने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान एक वेबसाइट का पता चला जिसे जस्टिस फार हाथरस के नाम से बनाया गया था। इस पर जातीय दंगे भड़काने के लिए कई पेज बनाए गए थे। साथ ही दंगों के दौरान पुलिस की कार्रवाई से किस तरह बचाव किया जाए, इसके बारे में जानकारी दी गई थी। हालांकि, पुलिस को जानकारी होते ही वेबसाइट बंद कर दी गई।