जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों को आवास के बिना दर-दर नहीं भटकना होगा। उनका परिवार भी अब उनके साथ रह सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई जिलों में पुलिस कर्मियों के रहने के लिए नए आवास, बैरक और हॉस्टल बन रहे हैं।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि पुलिस कर्मियों के लिए पर्याप्त आवासीय व्यवस्था नहीं होने के कारण इनके मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। मुख्यमंत्री योगी के सामने यह समस्या रखी गई थी। उन्होंने इस पर गंभीरता दिखाते हुए 6000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।
पहले चरण में जारी 2114.44 करोड़ रुपये से 24 जिलों के 317 थानों पर महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल, बैरक, थानों और चौकियों पर आवास बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा 44 जिलों की पुलिस लाइन में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग बैरक और ट्रांजिट हॉस्टल बनाए जा रहे हैं।
पीएसी की 31 वाहिनियों में भी 200 जवानों की क्षमता की बैरक का निर्माण किया जा रहा है। इनके अलावा 29 थाने व चौकियों और तहसील स्तर पर 61 अग्निशमन केंद्रों का भी काम चल रहा है।
खत्म होगा तनाव, बेहतर तरीके से काम को देंगे अंजाम
अवस्थी ने बताया कि कई बार पुलिस कर्मी अपने परिवार से दूर रहकर काम करते हैं और तनाव की वजह से तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। आवासीय सुविधा मिलने से वे न सिर्फ परिवार को अधिक समय दे सकेंगे बल्कि अपना काम भी और बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
आठ जिलों में बन रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला
डीजीपी ने बताया कि बरेली, गोंडा, गोरखपुर, झांसी, गाजियाबाद, प्रयागराज, कन्नौज और अलीगढ़ जिले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए मंजूर 346.69 करोड़ रुपये में से 228.49 करोड़ जारी भी किए जा चुके हैं।
आगे पढ़ें
खत्म होगा तनाव, बेहतर तरीके से काम को देंगे अंजाम