लखनऊ। नाबार्ड ने ग्रामीण महिलाओं को जागरूक कर उनके स्वयं सहायता समूह बनवाए। घरेलू महिलाओं को घर से निकालकर आगे बढ़ाया व स्वावलंबी बनाया। आज महिलाएं अपने हुनर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उच्च कोटि के उत्पाद तैयार कर रही हैं। ये बातें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को राजभवन में नाबाड व सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित महिला समृद्धि महोत्सव के समापन अवसर पर कही। इस अवसर पर प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच स्वयं सहायता समूह को स्मृति चिन्ह और प्रतिभाग करने वाले सभी समूहों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही महिला समृद्धि कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि नाबार्ड के माध्यम से महिला स्वावलंबन को बल मिला है, जिससे महिलाएं सशक्तीकरण की ओर अग्रसर हुई हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान बजट में महिला एवं बाल विकास के लिए 233 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) और सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा भी मौजूद रहे। नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जीआर चिंतला ने कहा कि वास्तव में समाज की आर्थिक उन्नति खासकर ग्रामीण भारत की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति महिलाओं के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक डॉ. डीएस चौहान व स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहीं।