प्रवेंद्र गुप्ता
अलीगंज कॉलोनी के करीब एक किलोमीटर के दायरे में दर्जनभर हैंडपंप लगे हैं, पर यह सिर्फ देखने के लिए हैं। कई का आधा हिस्सा (मुंडी) ही गायब है।
मरम्मत के नाम पर कई हैंडपंपों के पाइप तो निकाले गए, लेकिन लगाए नहीं गए। शहर में पांच हजार से अधिक हैंडपंप हैं। इसमें कई वार्डों-कॉलोनियों में ज्यादातर हैंडपंप खराब पड़े हैं। गर्मी से पहले इन्हें ठीक किया जाना था, पर ऐसा नहीं हुआ।
शहर में पेयजल की आपूर्ति की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है, पर नए नलकूप व हैंडपंप लगाने की जिम्मेदारी जल निगम की है। इसी तरह नलकूपों और हैंडपंपों की रिबोरिंग जल निगम करता है।
जलकल विभाग की ओर से सिर्फ नलकूप और हैंडपंपों की छोटी रिपेयरिंग का ही काम किया जाता है। जलकल महाप्रबंधक एसके वर्मा के मुताबिक, करीब 200 हैंडपंप रिबोर होने हैं।
इसकी सूची जल निगम को भेजी गई थी। शासन से बजट लेकर जल निगम रिबोर करने का काम करता है।
प्यास लगे तो बोतल खरीदिए
अलीगंज में केंद्रीय भवन के पास दुकान लगाने वाले विश्वनाथ व सचिन कहते हैं कि आसपास कोई हैंडपंप नहीं है। यदि किसी को पानी पीना है तो वह या तो बोतल खरीदे या रेस्टोरेंट या चाय की दुकान पर जाए। हैंडपंप या सबमर्सिबल एक किलोमीटर के दायरे में नहीं है।
लोगों ने बयां की पीड़ा
करीब 15 साल पहले हैंडपंप लगा था। दो साल बाद ही यह बंद हो गया। कुछ साल पहले आधा हैंडपंप किसीने गायब कर दिया। अब तो हट जाए तो ही अच्छा है। – राजीव श्रीवास्तव
दस-बारह साल पहले हैंडपंप लगा था। एक-दो महीने बाद ही खराब हुआ तो फिर कोई बनाने ही नहीं आया। शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। – अभिषेक तिवारी
आठ साल पहले हैंडपंप लगा था। सालभर बाद ही खराब हो गया। कई बार सीएम कंट्रोल नंबर 1076 पर शिकायत की। एक बार कुछ लोग और ठीक करने के नाम पर पाइप भी निकाल ले गए, फिर लौटकर नहीं आए। – चंदन कुुमार
चार साल पहले हैंडपंप लगा था। इस बाद दो-तीन महीने में ही खराब हो गया। पिछले साल मरम्मत के नाम पर कुछ लोग पाइप भी निकाल ले गए। आज तक हैंडपंप ठीक नहीं हो सका। – विश्वनाथ
की जा रही मरम्मत
महाप्रबंधक जलकल विभाग, एसके वर्मा ने बताया कि गर्मी में पेयजल की किल्लत न हो, इसे लेकर प्रयास किया गया है। शिकायत के आधार पर हैंडपंपों की मरम्मत की जा रही है। रिबोर होने वाले हैंडपंपों की सूची जल निगम को भेजी जा चुकी है। रिबोरिंग के लिए शासन जल निगम को बजट देता है। वही रिबोरिंग करता है।