लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय दाखिले प्रक्रिया की स्थायी व्यवस्था करने जा रहा है। इसके तहत डीन एडमिशन के रूप में एक नई पोस्ट होगी और अलग से स्थायी ऑफिस होगा। हर बार दाखिले के लिए बनाया जाने वाला पोर्टल भी अब स्थायी रूप से संचालित होगा। नई व्यवस्था से जहां दाखिलों में पारदर्शिता आएगी, वहीं कम खर्च में रिकॉर्ड को अच्छी तरह से रखा जा सकेगा। कुलपति प्रो आलोक कुमार राय का कहना है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं। इसी के तहत डीन प्रवेश का पद सृजित किया जा रहा है। इससे प्रवेश की प्रक्रिया और भी प्रभावी ढंग से सम्पन्न हो सकेगी।
विश्वविद्यालय में प्रवेश और परीक्षा सतत प्रक्रिया है। हर साल दोनों होते हैं। परीक्षा के लिए स्थायी रूप से परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति होती है, पर प्रवेश के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। प्रवेश समन्वयक के नाम से यहां दाखिले के लिए अस्थायी व्यवस्था की जाती है। ऐसे में दाखिले के लिए पोर्टल आदि की व्यवस्था भी की जाती है। इस पर काफी खर्च होता है। इसको देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय में डीन प्रवेश के नाम से एक नया पद सृजित करने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत अब लखनऊ विश्वविद्यालय में डीन एडमिशन भी होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय ने हाल ही में डीन शोध, डीन एकेडमिक्स और डीन नियुक्ति के नाम से तीन नए पद सृजित किए थे। हालांकि ये पद सिर्फ प्रशासनिक कामकाज के लिए ही हैं। इसकी जिम्मेदारी किसी शिक्षक को ही दी जा रही है तथा इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इसी तर्ज पर अब डीन प्रवेश का पद होगा। आगे आने वाले दाखिले इसी के अधीन ही होंगे।
गेट नंबर एक पर बनाया स्थायी कार्यालय
लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए गेट नंबर एक पर अब स्थायी कार्यालय बनाया गया है। प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज अब इसी कार्यालय में सुरक्षित रखे जाएंगे। प्रवेश समन्वयक बदलने के साथ ही कार्यालय बदलने की व्यवस्था भी इसके साथ ही समाप्त हो जाएगी।
डीन के अधीन विभाग स्तर पर दाखिले
लखनऊ विश्वविद्यालय में किसी एक विषय का रिजल्ट रुकने या उसमें देरी होने की स्थिति में बाकी के दाखिले प्रभावित न हो इसकी योजना भी तैयार की गई है। इसके तहत दाखिले डीन प्रवेश के अधीन होंगे पर उसकी प्रक्रिया संबंधित विभाग के स्तर से होगी। इस तरह से प्रवेश बिना किसी परेशानी के हो सकेंगे।