लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी सीटों को लेकर हमेशा विवाद रहा है। इस साल भी पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू होते ही सीटों को लेकर बदलाव शुरू हो गया है। अचानक पीएचडी और पार्ट टाइम पीएचडी की 16 सीटें बढ़ा दी गई हैं। इसे लेकर फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
विश्वविद्यालय में अभी सत्र 2020-21 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया नहीं पूरी हो पाई थी। इसे नए सत्र 2021-22 की प्रवेश प्रक्रिया के साथ पूरा करने की कवायद शुरू हुई, लेकिन काफी कवायद के बाद भी समय से विभागों से पूरी जानकारी नहीं मिली और प्रवेश आवेदन की तिथि आ गई। इससे आवेदन शुरू करने पड़े। विश्वविद्यालय की ओर से पूर्व में जारी ब्योरे में पीएचडी की सीटें 439 और पार्ट टाइम पीएचडी की 76 बताई गई थीं।
अब जब वेबसाइट पर सीटों का ब्योरा अपलोड किया गया है तो इसमें पीएचडी की सीटें 442 और पार्ट टाइम की पीएचडी की 89 हो गई हैं। इसके अनुसार हिंदी में पार्ट टाइम पीएचडी की सीटें शून्य से नौ, लोक प्रशासन में शून्य से दो और रसायन विज्ञान व भूगर्भ विज्ञान में एक-एक सीट बढ़ी है। इसी क्रम में फुल टाइम पीएचडी में एंथ्रोपोलॉजी में दो व इकोनॉमिक्स में एक सीट बढ़ी है।
विश्वविद्यालय प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि विभागों द्वारा भेजी गई सूचना पर पीएचडी की सीटें बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि फुल टाइम पीएचडी के साथ ही पार्ट टाइम पीएचडी के लिए भी आवेदन हो रहे हैं। आगे नियमानुसार इसकी प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बीएलएड के आवेदन भी शुरू
विश्वविद्यालय की ओर से नौ मार्च से शुरू हुई ऑनलाइन प्रवेश आवेदन प्रक्रिया के साथ ही चार वर्षीय बीएलएड पाठ्यक्रम के लिए भी प्रवेश आवेदन शुरू कर दिए गए। हालांकि पूर्व में जारी सूचना में इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। वेबसाइट पर अपडेट डाक्यूमेंट में अभी इसकी सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। इससे विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति है।
ई-बुक से भी कर रहे प्रवेश को जागरूक
विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश आवेदन में विद्यार्थियों द्वारा की जाने वाली गलतियों से बचने के लिए कई तरीके अपना रहा है। एक तरफ जहां इसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है, वहीं यू-ट्यूब पर फॉर्म भरने की पूरी जानकारी दी जा रही है। इसी क्रम में अपनी ई-बुक से भी विद्यार्थियों को जागरूक किया जा रहा है।