कानपुर में 1984 के सिख दंगों की जाँच को गठित एसआईटी का कार्यकाल छह माह और बढ़ा दिया गया है। एसआईटी ने इस बीच 19 ऐसे मामलों में गवाह तलाश लिए हैं जिनमें पुलिस ने क्लोजार रिपोर्ट लगा दी थी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में कानपुर में 127 लोग मारे गए थे। दंगों को लेकर पुलिस ने कुल 1251 केस दर्ज किए थे। योगी सरकार ने पिछले वर्ष कानपुर दंगों में दर्ज मुकदमों की जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी की जाँच का समय समाप्त हो गया था जिस पर सरकार ने नवंबर माह में एसआईटी का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ा दिया है। अब यह अवधि मई 2021 तक के लिए बढ़ गई है।
एस्साईटी के अफसरों का कहना है कि जाँच एजेंसी ने कानपुर दंगों को लेकर दर्ज ऐसे 19 मामलों में जिनमें पुलिस ने क्लोजार रिपोर्ट लगा दी थी, 40 गवाह तलाश लिए हैं। यह गवाह यूपी के अलावा एमपी व चेन्नई तक में मिले। इनमें लगभग आठ गवाहों के बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं। एसआईटी ने इन 1251 केस में से 40 केस में विवेचना शुरू की है।
इन 40 मुकदमों में से 29 मुकदमों में स्थानीय पुलिस क्लोजार रिपोर्ट लगा चुकी है। इन्हीं में से 19 मामलों की पड़ताल हो रही है। गौरतलब है कि इन 1,251 मुकदमों में स्थानीय पुलिस ने 153 मामलों को छोड़ अन्य में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। पूर्व में इन दंगों की जाँच जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग भी कर चुका है।