सीवर-पानी की जरूरत की डीपीआर बनाने पर खर्च होंगे एक करोड़
नगर निगम की सीमा में शामिल हुए नए 88 गांवों में कहां पेयजल और सीवर लाइन बिछाने की जरूरत है, उसे लेकर डीपीआर तैयार करने पर एक करोड़ रुपये खर्च होंगे और आठ महीने का समय लगेगा।
जल निगम ने डीपीआर के लिए जलकल विभाग से एक करोड़ रुपये मांगे हैं। वहीं, विस्तार के बाद निगम की सीमा में आए नए गांवों में मार्ग प्रकाश, सफाई, सड़क व नाली-खडंजे की कहां, कितनी जरूरत है।
इसकी आकलन रिपोर्ट तैयार करने के लिए विभागों केे आदेश दिया गया है। नए गांवों में कितनी जमीन ग्राम समाज की है, इसे लेकर संपत्ति विभाग को भी रिपोर्ट तैयार करने के आदेश अपर नगर आयुक्त ने दिए।
महाप्रबंधक जलकल एसके वर्मा ने बताया कि पेयजल और सीवर लाइन बिछाने का काम जल निगम करता है। प्रोजेक्ट भी वही तैयार करता है।
इसे लेकर जल निगम से यह कहा गया था कि वह 88 गांवों में पीने के पानी और सीवर लाइन की जरूरत की रिपोर्ट दे। इसके बाद जल निगम ने इस काम के लिए एक करोड़ रुपये मांगे हैं।
अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि अब इन गांवों का रखरखाव नगर निगम को ही करना होगा। ऐसे में मार्ग प्रकाश, सड़क और सफाई को लेकर कितने संसाधनों की जरूरत है, उसकी रिपोर्ट जल्द विभागाध्यक्षों से मांगी गई है।