आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार शर्मा व ऑडिटर अनिल मित्तल की जमानत याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने काले धन को वैध बनाने के अपराध को बहुत गंभीर बताते हुए कहा कि ऐसा अपराध राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने दोनों की अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ जांच चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर रखा है। कंपनी पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा में फ्लैट व घर खरीदने वालों के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोप हैं। न्यायालय ने याचिकाओं पर अलग-अलग आदेश पारित करते हुए कहा कि 23 जुलाई 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में यह स्पष्ट है कि कंपनी ने किस प्रकार लोगों के साथ धोखा किया है। यह एक क्लासिक है कि किस तरह एक रियल एस्टेट कंपनी वित्तीय संस्थाओं और सरकारी अधिकारियों से साठगांठ कर फ्लैट खरीदारों के हजारों करोड़ रुपये को हड़प सकती है।