आप अगर उज्जैन जाकर बाबा महाकाल का दर्शन नहीं कर पा रहे हैं तो लखनऊ का यह मंदिर आपके ख्वाब को पूरा कर सकता है और आपकी मनोकामनाएं भी पूरी कर सकता है।
यहां उज्जैन की तर्ज पर भोर चार बजे बाबा का श्रृंगार और भस्म आरती होती है। इसके लिए सारी सामग्री उज्जैन से ही मंगाई जाती है। वैसे इस मंदिर के निर्माण और स्थापना तिथि को लेकर अभी तक कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है लेकिन कहा जाता है कि 1960 में इसका जीर्णोद्धार कराया गया था।
कुछ महीने पहले इस मंदिर का विस्तार पर गया और एक क्रमांक आपकी और भगवान श्री राम के दरबार का और कहीं भगवान के फोटो लगाया गया।
सावन पर यहां विशेष रौनक रहती है। व्यवस्थापक अतुल मिश्र ने बताया कि इस बार सावन पर भस्म आरती, चार सोमवार और महाआरती की बुकिंग पूरी हो गई है। बता देंगे यहां भी रूद्र अभिषेक प्रतिदिन होता है और साथ ही साथ भस्म आरती होती है।
वहीं, प्रतिदिन रुद्राभिषेक सुबह चार बजे, दोपहर में 12:30 बजे से साढ़े चार बजे तक होगा। श्रृंगार दोपहर साढ़े चार बजे होगा। रात आठ बजे आरती और शयन मंगल आरती रात साढ़े दस बजे होगी।
आठ अगस्त को महाआरती होगी। सुबह से दोपहर तक पूजन व्यवस्था प्रतिदिन की तरह होगी। केवल आठ अगस्त को महारुद्राभिषेक जो शाम साढ़े छह बजे से लेकर रात आठ बजे तक चलेगा। श्रृंगार रात आठ बजे होगा। महाआरती रात आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक होगी। दस अगस्त को ही दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक भंडारा लगेगा।