पिछले कुछ सालों से भारत में एक्सप्रेसवे कॉन्सेप्ट तेजी से बढ़ा है. देश में कई एक्सप्रेसवे बन गए हैं या फिर बन रहे हैं. उत्तर प्रदेश इस काम में सबसे आगे है.
यूपी में फिलहाल 6 एक्सप्रेसवे बन गए हैं और 7 पर काम चल रहा है. वहीं यूपी में अब 6 और एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया गया है. जब ये एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएंगे तो राज्य में एक्सप्रेव की कुल संख्या 19 हो जाएगी. आइए हम विस्तार से समझते हैं ये नए एक्सप्रेसवे कहां बनने वाले हैं.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन एक्सप्रेसवे को निर्देश दिए हैं. उनका मकसद प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देना और सभी धार्मिक शहरों को आपस में जोड़ना है. जो एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे वे इस प्रकार हैं. 110 किलोमीटर लंबा प्रयागराज-वाराणसी एक्सप्रेसवे. 110 किलोमीटर लंबा मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे. तीसरा, गंगा एक्सप्रेसवे से शुरू होकर शाहजहांपुर, बरेली होते हुए उत्तराखंड के रामपुर और रुद्रपुर तक. चौथा, झांसी लिंक एनएच 27 से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तक, पांचवां, चित्रकूट से प्रयागराज और छठा विंध्य एक्सप्रेसवे, चित्रकूट से मिर्जापुर तक.
प्रदेश में जिन एक्सप्रेसवे का निर्माण हो गया है वे इस प्रकार हैं. पहला, 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे. दूसरा, 25 किलोमीटर लंबा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे. तीसरा, 302 किलोमीटर लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे. चौथा, 96 किलोमीटर लंबा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे, पांचवां, 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और छठा, 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे.
उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे इस प्रकार हैं. पहला, 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे. दूसरा, 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे. तीसरा, 63 किलोमीटर लंबा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे. चौथा, 380 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे. पांचवां, 519 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे. छठा, 210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और सांतवां, 117 किलोमीटर लंबा गाजीपुर-बलिया एक्सप्रेसवे.